मत रौंदों बचपन को - बाल श्रमिकों के दर्द को बयाँ करती ये कविता | Poem on the pain of child labour
बाल श्रमिक सहमा-सहमा-सा चेहरा है, धुँधला-धुँधला-सा बचपन है! वो चन्दू थक जाता होगा, सारा दिन सर पे बोझ उठाता होगा, मेरा जीवन कब बन पाएगा? ऐसा...
कविता संग्रह,हिंदी कविताओं का संकलन. इसका उद्देश्य हिंदी की कविताओं को आप तक पहुँचाना है.
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